वीडियो जानकारी:<br /><br />संवाद सत्र<br />३० अक्तूबर २०१२<br />बी. बी. डी. आई. टी, गाजियाबाद<br /><br />प्रसंग:<br />किसी को देखते ही पहले से उसके बारे में छवि क्यों बना लेता हूँ?<br />कैसे जाने की होश में जीए जा रहा हूँ या बेहोश में?<br />दूसरे को अपने से छोटा क्यों समझता हूँ?<br />मै व्यक्ति को व्यक्ति की तरह क्यों नहीं देख पता हूँ?<br />मेरे सम्बन्ध पूर्व निर्धारित क्यों होते है?<br /><br />संगीत: मिलिंद दाते
